आजाद हिन्द फौज में नेताजी के साथी भागमल जी नहीं रहे, Azad Hind Fauz Member Bhagmal Death News
आजाद हिन्द फौज नेताजी के साथी और जवान रहे भागमल जी का निधन हो गया। गुरुग्राम निवासी स्वतंत्रता सेनानी 101 वर्षीय भागमल जी का निधन शुक्रवार (1 फरवरी, 2019) को हो गया था। याद रहे कि 26 जनवरी 2019 को गणतंत्र दिवस की राजपथ परेड पहली बार आजाद हिन्द फौज के सिपाहियों ने भाग लिया था, उन सिपाहियों में भागमल जी भी शामिल थे।
26 जनवरी 2019 की गणतंत्र दिवस परेड में मिला था सम्मान
1 जनवरी, सन् 1918 ई. को गांव कुकडौला में एक किसान परिवार में जन्मे भागमल जी को भी राजपथ परेड में पहली बार शामिल होने का सम्मान मिला था। 70 साल के इतिहास में पहली बार आईएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) के सदस्यों को भारत की सरकार ने 26 जनवरी की परेड में शामिल करके सम्मानित किया था।
26 जनवरी को मिले गौरवपूर्ण सम्मान से बहुत खुश थे भागमल जी
आजाद हिन्द फौज के सिपाही भागमल जी पिछले काफी दिनों से बीमार थे। उनकी पौत्रवधू सुमन के अनुसार, दादा जी राजपथ परेड में शामिल होने के बाद बहुत खुश थे और वहां से लौटने के बाद कह रहे थे कि 70 वर्षों से इंतजार था जो आज पूरा हुआ है। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह खुशी कुछ दिनों की ही रहेगी। ऐसा लग रहा था कि जैसे दादा इसी सम्मान के इंतजार में जीवित थे। शुक्रवार यानी 1 फरवरी को भागमल जी की तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी।
आजाद हिन्द फौज की बटालियन 'बहादुर ग्रुप' के जवान रहे भागमल 2 जुलाई, सन् 1943 ई. को सिंगापुर में नेताजी की फौज में शामिल हुए थे। भागमल जी ने आजाद हिन्द फौज की तरफ से आजादी की लड़ाई में भाग लिया था।
26 जनवरी 2019 की गणतंत्र दिवस परेड में मिला था सम्मान
1 जनवरी, सन् 1918 ई. को गांव कुकडौला में एक किसान परिवार में जन्मे भागमल जी को भी राजपथ परेड में पहली बार शामिल होने का सम्मान मिला था। 70 साल के इतिहास में पहली बार आईएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) के सदस्यों को भारत की सरकार ने 26 जनवरी की परेड में शामिल करके सम्मानित किया था।
26 जनवरी को मिले गौरवपूर्ण सम्मान से बहुत खुश थे भागमल जी
आजाद हिन्द फौज के सिपाही भागमल जी पिछले काफी दिनों से बीमार थे। उनकी पौत्रवधू सुमन के अनुसार, दादा जी राजपथ परेड में शामिल होने के बाद बहुत खुश थे और वहां से लौटने के बाद कह रहे थे कि 70 वर्षों से इंतजार था जो आज पूरा हुआ है। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह खुशी कुछ दिनों की ही रहेगी। ऐसा लग रहा था कि जैसे दादा इसी सम्मान के इंतजार में जीवित थे। शुक्रवार यानी 1 फरवरी को भागमल जी की तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी।
आजाद हिन्द फौज की बटालियन 'बहादुर ग्रुप' के जवान रहे भागमल 2 जुलाई, सन् 1943 ई. को सिंगापुर में नेताजी की फौज में शामिल हुए थे। भागमल जी ने आजाद हिन्द फौज की तरफ से आजादी की लड़ाई में भाग लिया था।
इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व कैंसर दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है।
जवाब देंहटाएंNice Article Bro , If You Want to Read More Hindi Articles please Visit - www.tipsreport.com
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